स्टैंड अप इंडिया योजना भारत सरकार द्वारा 2015 में शुरू की गई एक पहल है। इसका उद्देश्य अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और महिला उद्यमियों को बैंक ऋण तक पहुंच प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना और देश में उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
योजना के लाभ
- ऋण राशि: इस योजना के तहत, एससी, एसटी और महिला उद्यमी 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक का ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
- सब्सिडी: सरकार ऋण पर ब्याज सब्सिडी प्रदान करती है, जिससे उद्यमियों के लिए ऋण चुकाना आसान हो जाता है।
- क्रेडिट गारंटी: ऋण पर 100% क्रेडिट गारंटी भी प्रदान की जाती है, जिससे बैंकों को ऋण देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
- कौशल विकास: सरकार उद्यमियों को कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों तक भी पहुंच प्रदान करती है।
पात्रता
- उद्यमी होना चाहिए: एससी, एसटी या महिला।
- उद्यम ग्रीनफील्ड होना चाहिए: इसका मतलब है कि यह एक नया उद्यम होना चाहिए जो पहले से ही अस्तित्व में नहीं है।
- उद्यम किसी भी क्षेत्र में हो सकता है: जैसे कि विनिर्माण, सेवाएं या व्यापार।
- उद्यमी का व्यक्तिगत योगदान: उद्यमी को परियोजना की कुल लागत का कम से कम 25% का योगदान करना होगा।
आवेदन कैसे करें
- उद्यमी किसी भी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक की शाखा में जा सकते हैं।
- बैंक शाखा में आवेदन पत्र उपलब्ध है।
- आवेदन पत्र को आवश्यक दस्तावेजों के साथ जमा करना होगा।
- बैंक ऋण आवेदन का मूल्यांकन करेगा और उसके अनुसार निर्णय लेगा।
योजना के तहत प्रगति
- योजना के तहत अब तक 3.47 लाख से अधिक ऋण स्वीकृत किए गए हैं।
- इनमें से 1.82 लाख ऋण एससी उद्यमियों को, 1.03 लाख ऋण एसटी उद्यमियों को और 62 लाख ऋण महिला उद्यमियों को स्वीकृत किए गए हैं।
- योजना के तहत ऋण स्वीकृत करने वाले शीर्ष बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा शामिल हैं।
निष्कर्ष
स्टैंड अप इंडिया योजना एससी, एसटी और महिला उद्यमियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह योजना उन्हें बैंक ऋण तक पहुंच प्रदान करती है, जिससे वे अपने व्यवसायों को शुरू और विकसित कर सकते हैं। योजना के तहत अब तक किए गए प्रगति से पता चलता है कि यह एक सफल पहल है।
अतिरिक्त जानकारी
- स्टैंड अप इंडिया योजना की आधिकारिक वेबसाइट: https://www.standupmitra.in/
- मुद्रा योजना: https://www.mudra.org.in/
- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम: https://msme.gov.in/1-prime-ministers-employment-generation-programme-pmegp